इंसान नहीं भगवान् हैं ये ...

जोड़कर अपनी पाई - पाई मकान को घर बनाते हैं ...
उँगली थाम के बच्चों की सही राह पर चलना सिखाते हैं !
रहकर खुद हमेशा भूखा पहले बच्चों को खिलाते हैं ...
रात-रात को जागकर वो हर फ़र्ज निभाते हैं !
ताकत नहीं हो चाहे शरीर में फिर भी मेहनत करते जाते हैं ..
अपने बच्चों के भविष्य की खातिर हर दर्द अपना झेल जाते हैं!!
उम्मीद नहीं रखते बच्चों से , निःस्वार्थ प्यार जताते हैं ..
मिले खुशी या न बदले में ,बस अपना कर्म करते जाते हैं !!
हर ख्वाब पूरा करने की क्षमता हमेशा हमें दिखाते हैं ...
"बस एक बार कहो मिल जाएगा ", ये वादा करते जाते हैं !
न जाने वे कैसे हमें इतना प्यार कर पाते हैं ...
बेशक इंसान नहीं भगवान् हैं ये जो माँ-बाप के रूप में जाने जाते हैं !!!👼👼
                 ... निशा गोला...

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